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फसल की कटाई के आधुनिक यंत्र

फसल की कटाई के आधुनिक यंत्र

जैसे जैसे किसान की खेती की जोत छोटी होती जा रही है उसी तरह से आजकल नए नए कृषि यन्त्र भी बाजार में आ रहे हैं. अभी रबी की फसल खेतों में शान से लहलहा रही है, किसान अपनी फसल के रंग और आकार को देख कर ही फसल के उत्पादन का अंदाज लगा लेता है. 

अभी किसान की रबी की फसल की कटाई मार्च से शुरू हो जाएगी और जैसा की सभी की फसल की कटाई इसी समय होती है तो जाहिर सी बात है मजदूरों की कमी किसान को होती है. 

कहते हैं न कि "आवश्यकता अविष्कार कि जननी है" तो किसानों कि इसी आवश्यकता को पूरा करने के लिए हमारे कृषि वैज्ञानिक रात दिन मेहनत कर रहे हैं. 

जब किसान अपने पूरे खेत कि जुताई बुबाई बैलों से नहीं कर पाता था तो ट्रेक्टर आया और जब खेत में फसल की कटाई समय से नहीं हो रही थी तो उसके लिए फसल कटाई के लिए मशीन भी बाजार में आ गई. आज हम इन्हीं मशीनों के बारे में चर्चा करेंगें:

रीपर बाइंडर (Reaper Binder):

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रीपर बाइंडर मशीन इंजन द्वारा चलती है और इसको चलाना भी आसान होता है. इससे किसान कम डीजल खर्चा में ज्यादा काम कर सकता है तथा इससे उसको भूसा भी पूरा मिल जाता है तथा किसान को फसल को इकठ्ठा करने में भी दिक्कत नहीं होती है क्यों की इसको रीपर काटने के साथ साथ उसकी पूरै भी बना देती है. 

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इससे किसानों को मजदूरों की समस्या से कुछ हद तक छुटकारा मिल जाता है. आजकल खेती में कुशल मजदूरों की बहुत ही समस्या है. 

कई बार किसान की पाकी हुई फसल मजदूर न मिलने की वजह से काफी नुकसान होता है. इस नुकसान से बचने के लिए ये छोटी कटाई मशीन बहुत ही काम की मशीन है.

हाथ का रीपर:

हाथ से काटने वाला रीपर भी आता है लेकिन वो फसल के पूरै नहीं बनता है वो एक साइड में कटी हुई फसल को डालता जाता है. बाद में उसे मजदूरों की सहायता से पूरै बना दिया जाता है. 

कंबाइन हार्वेस्टर मशीन: यह मशीन बहुत महँगी होती है तथा ये बड़े किसानों के लिए उपयोगी है. छोटे किसान इसको किराये पर लेकर भी अपनी फसल की कटाई करा सकते हैं. 

इससे कम समय में ज्यादा काम किया जा सकता है. ये फसल को ज्यादा ऊपर से काटती है जिससे बाद में इसके तूरे से भूसा बनाया जा सकता है. 

इसमें किसान अपनी फसल को समय से लाकर बाजार में ले जा सकता है. इसमें कम समय में किसान की फसल भूसे से अलग हो जाती है. कंबाइन हार्वेस्टर मशीन की ज्यादा जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें.

स्ट्रा-रीपर (Straw Reaper) या भूसा बनाने वाली मशीन:

स्ट्रा-रीपर या आप कह सकते हैं की भूसा बनाने वाली मशीन छोटे और बड़े दोनों किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. जो किसान कंबाइन हार्वेस्टर मशीन से खेत को भूसा न बनने की वजह से कटवाने से डरते थे अब वो भी कंबाइन हार्वेस्टर से अपनी फसल कटवाने लगे हैं. 

क्यों की अब स्ट्रा-रीपर से भूसा बनाना आसान हो गया है. चूँकि किसान पशु भी पालते हैं और इसके लिए उन्हें भूसा भी चाहिए. तो भूसा की जरूरत रखने वाले किसानों के लिये तो हाथ से फसल कटवाना मजबूरी भी थी लेकिन जो किसान पशु नहीं पालते हैं,  वो कंबाइन मशीन से फसल कटवाने के इच्छुक भी थे लेकिन वो परेशान भी भी कम नहीं थे. 

क्योंकि कम्बाइन मशीन 30 से 35 सेंटीमीटर ऊपर से ही गेहूं की बालियों को काटती है इसलिए मशीन से कटवाने पर अनाज के नुकसान होने का खतरा रहता है. कम्बाइन मशीन नीचे गिरी हुई बालियों को उठा नहीं पाती है. 

ऐसे में भूसा बनाने वाली मशीन लोगों के लिये वरदान साबित हो रही है. इससे फसल कटवाने पर किसानों कई प्रकार का फायदा होता है. 

पहली बात तो ये कि उन्हें गेहूं के दानों के साथ साथ भूसा भी मिल जाता है. इससे पशुओं के लिये चारे की समस्या खड़ी नहीं होती. 

दूसरा जो दाना मशीन से खेत में रह जाता है उसको ये मशीन उठा लेती है. जिसको की किसान अपने पशु के दाने के रूप में प्रयोग कर लेता है क्योंकि इसमें मिटटी आने की सम्भावना रहती है.

कटर थ्रेसर (Cutter Thresher):

अगर हम कटर थ्रेसर की बात करें तो इसने भी किसानों की जिंदगी बहुत आसान कर दी है. जब किसान हाथ से फसल कटवाते थे तो अनाज को अलग करने के लिए फसल की मिडाई करने के लिए बैल या ट्रेक्टर चला के अनाज को अलग किया जाता था. 

उसके बाद थ्रेसर से करने लगे. 40 क्विंटल अनाज निकालने में 15 घंटे का समय लग जाता था जो की एक बड़े किसान के लिए बहुत ही मेहनत का काम था. 

उसके बाद कटर थ्रेसर आया जो की बहुत ही जल्दी अनाज और भूसा अलग कर देता है. आज के समय में कटर थ्रेसर बहुत ही उपयोगी मशीनरी बनी हुई है। 

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चारा काटने की मशीन:

पशुपालन और खेती दोनों एक दूसरे के पूरक हैं. किसान खेती के साथ साथ पशु पालन भी करता है. खेती से उसके पशुओं का चारा भी आ जाता है और उसके लिए पैसे कमाने का दूसरा जरिया भी बन जाता है. 

पुराने समय में चारा काटने के लिए किसान को बहुत मेहनत करनी पड़ती थी. कम से कम 3  आदमी चारा काटने की मशीन को चलाने के लिए चाहिए होते थे. 

लेकिन अब किसान ने भी इसका समाधान ढूंढ लिया और आज एक ही आदमी 10 - 15 पशुओं का चारा काट देता है वो भी 10 से 15 मिनट में.

चारा काटने की मशीन कैसे काम करती है:

चारा काटने की मशीन को दो आदमी उसके चक्र को हत्था के द्वारा घुमाते हैं तथा एक उसमें चारा डालने का काम करता है. यह बहुत ही मेहनत वाला काम है. इसमें किसान को बहुत समय लगता था और मेहनत भी बहुत होती थी.

इंजन से चलाने वाली मशीन:

इस मशीन को इंजन या बिजली से भी चलाया जा सकता है. इससे सिर्फ एक आदमी की आवश्यकता होती है वही आदमी अकेला ४ आदमी के बराबर काम कर लेता है. 

नीचे दिए वीडियो में देखें अंत में  हम कह सकते हैं की "Technology is a great servant, but a bad master." मशीनीकरण को हम अपने भले के लिए प्रयोग करें तो अच्छा है अन्यथा इसके दुष्परिणाम भी हम को ही झेलने पड़ते हैं.

जैसे की खड़ी फसल को कटवाने के अपने फायदे है तो कुछ नुकसान भी हैं. अगर हम फसल के अवशेष का भूसा बनवा लेते हैं तो ये हमारे लिए लाभदायक है और अगर हम इसके अवशेषों को जलाते हैं तो ये प्रक्रिया हमारी बहुत ही उपजाऊ जमीन को भी बंजर बनाने में बहुत ज्यादा समय नहीं लेती है. 

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फसलों की कटाई और सफाई के लिए उपयोगी 4 कृषि यंत्रों की विशेषताऐं और लाभ

फसलों की कटाई और सफाई के लिए उपयोगी 4 कृषि यंत्रों की विशेषताऐं और लाभ

वर्तमान की बात करें तो किसानों के खेतों में रबी की फसलें लहला रही हैं और जल्द ही इनकी कटाई की प्रक्रिया प्रारंभ हो जाएगी। ऐसे में किसानों को राहत दिलाने के लिए हम 4 कृषि यंत्रों (4 Farm Machinery ) की जानकारी देने जा रहे हैं। इनका उपयोग करके किसान फसल अवशेषों से भूसा बनाने का कार्य सहजता से कर सकते हैं। इन यंत्रों से किसानों की लागत भी कम आएगी। साथ ही, कटाई का कार्य भी शीघ्रता से हो सकेगा।

फसलों की कटाई के लिए उपयोगी 4 कृषि यंत्र

  • स्ट्रॉ रीपर मशीन 
  • रीपर बाइंडर मशीन 
  • कंबाइन हार्वेस्टर मशीन 
  • मल्टीक्रॉप थ्रेशर मशीन 

स्ट्रॉ रीपर मशीन 

स्ट्रॉ रीपर एक ऐसी कटाई मशीन है, जो एक ही बार में पुआल को काटती है, थ्रेस करती है एवं साफ करती है। स्ट्रॉ रीपर को ट्रैक्टरों के साथ जोडक़र इस्तेमाल किया जाता है। इसके इस्तेमाल से ईंधन की खपत काफी कम होती है। इस यंत्र पर कई राज्य सरकारों की तरफ से सब्सिडी का फायदा भी किसानों को प्रदान किया जाता है।

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विशेषताएं और लाभ

स्ट्रॉ रीपर मशीन की कीमत बहुत ज्यादा नहीं होती है, इसलिए इस कृषि यंत्र को छोटे और बड़े, दोनों किसान सुगमता से इस्तेमाल कर सकते हैं। इस मशीन के उपयोग से फसल काटने पर कई तरह के फायदे किसानों को मिलते हैं, जैसे गेहूं के दानों के साथ-साथ भूसा भी मिल जाता है। यह भूसा पशुओं के चारे के काम में आता है। इसके अतिरिक्त जो दाना मशीन से खेत में रह जाता है, उसको ये मशीन सहजता से उठा लेती है। जिसको किसान अपने पशुओं के लिए दाने के रूप में प्रयोग कर लेते हैं।

रीपर बाइंडर मशीन 

रीपर बाइंडर मशीन का इस्तेमाल फसल की कटाई के लिए किया जाता है। यह मशीन फसल की कटाई करने के साथ – साथ रस्सियों से उनका बंडल भी बनाती है। रीपर बाइंडर की मदद से 5 – 7 से. मी. ऊँची फसल की कटाई आसानी से की जा सकती है। इस यंत्र की सबसे बड़ी खासियत यह है, कि इस मशीन से गेहूं, जौ, धान, जेई और अन्य फसलों की आसानी से कटाई कर बंडल बना सकते है।

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विशेषताएं और लाभ 

रीपर बाइंडर के इस्तेमाल से फसल कटाई का काम आसानी से पूरा किया जा सकता है। इसके इस्तेमाल से धन, समय और मजदूरी सभी की बचत होती है। रीपर बाइंडर मशीन एक घंटे में एक एकड़ जमीन पर खड़ी फसल को काट सकती है। इस मशीन के इस्तेमाल से फसल कटाई के अतिरिक्त उनका बंडल भी निर्मित किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त सबसे बड़ी विशेषता है, कि इसका उपयोग बारिश के मौसम में भी किया जा सकता है। फसल के अतिरिक्त खेतों में उगने वाली झाडियों की भी सहजता से कटाई की जा सकती है। रीपर बाइंडर को एक स्थान से दूसरे स्थान पर लेकर जाना आसान होता है। 

कंबाइन हार्वेस्टर मशीन 

कंबाइन हार्वेस्टर मशीन से एक साथ कटाई तथा सफाई का कार्य किया जा सकता है। इस मशीन की सहायता से सरसों, धान, सोयाबीन, कुसुम आदि की कटाई और सफाई का कार्य कर सकते हैं। इसमें समय और लागत दोनों ही बहुत कम लगती है।

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विशेषताएं और लाभ 

कंबाइन हार्वेस्टर मशीन का प्रयोग कर लागत और समय की बचत की जा सकती है। इससे फसल की कटाई से लेकर फसल के दानों की सफाई तक का काम किया जाता है। इसके उपयोग से मृदा की उर्वरक क्षमता बढ़ती है। इस मशीन के इस्तेमाल से किसान प्राकृतिक आपदाओं से होने वाली हानि से बच सकते हैं और वक्त रहते फसलों की कटाई कर सकते हैं। कंबाइन हार्वेस्टर मशीन से किसान खेत में आड़ी-तिरछी पड़ी फसल को भी काट सकते हैं।

मल्टीक्रॉप थ्रेशर मशीन 

यह मशीन किसानों के लिए एक बहुत बड़ी उपयोगी मशीन मानी जाती है। मल्टीक्रॉप थ्रेशर मशीन से बाजरा, मक्का, जीरा, डालर चना, सादा चना, देशी चना, ग्वार, ज्वार मूंग, मोठ, ईसबगोल, मसूर, राई, अरहर, मूंगफली, गेहूं, सरसों, सोयाबीन और तुअर जैसी फसलों के दाने साफ-सुथरे तरीके से निकाले जाते हैं। इस मशीन के इस्तेमाल से फसल के दाने और भूसे को भिन्न-भिन्न करने के लिए उपयोग किया जाता है। 

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विशेषताएं और लाभ

मल्टीक्रॉप थ्रेशर मशीन की मुख्य विशेषता है, कि इसके उपयोग से फसल की कटाई कर अनाज और भूसे को अलग किया जाता है। यह मशीन फसलों के दाने को साफ-सुथरे ढ़ंग से अलग करता है। मल्टीक्रॉप थ्रेशर मशीन को एक स्थान से दूसरे स्थान पर आसानी से ले जाया जा सकता है।  खेतों में जहाँ मशीन नहीं पहुँच सकती है, वहाँ हाथ का रीपर मशीन का इस्तेमाल किया जाता है।

इस कंबाइन हार्वेस्टर से हर फसल की होगी कटाई, जानें इसकी खूबियां और कीमत

इस कंबाइन हार्वेस्टर से हर फसल की होगी कटाई, जानें इसकी खूबियां और कीमत

भारत में कृषि कार्यों के लिए कृषि यंत्र या उपकरणों का उपयोग किया जाता है, जो किसानों के लिए खेती को सहज और सुगम बनाते हैं। इन्हीं में से एक हार्वेस्टर भी महत्वपूर्ण मशीन है, जो फसलों की कटाई और बुनाई करने का कार्य करती है। किसान हार्वेस्टर के साथ खेतीबाड़ी के विभिन्न बड़े कार्यों को सरल और संपन्न बना सकते हैं। 

हार्वेस्टर विभिन्न तरह की फसलों के लिए अनुकूलित होते हैं। किसानों की आर्थिक स्थिति को सुद्रण बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। 

अगर आप भी अपने खेतों के लिए शक्तिशाली हार्वेस्टर खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो आपके लिए दशमेश 3100 मिनी कंबाइन हार्वेस्टर एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। कंपनी के इस मिनी कंबाइन हार्वेस्टर में 101 हॉर्स पावर उत्पन्न करने वाला शक्तिशाली इंजन आता है। 

दशमेश 3100 मिनी कंबाइन हार्वेस्टर की क्या-क्या विशेषताएं हैं ?

दशमेश 3100 मिनी कंबाइन हार्वेस्टर में आपको 4 सिलेंडर वाला Ashok Leyland, ALU W04d, Water Cooled इंजन देखने को मिल जाता है, जो 101 HP पावर उत्पन्न करता है। कंपनी के इस मिनी कंबाइन हार्वेस्टर के इंजन से 2200 आरपीएम उत्पन्न होता है। इस दशमेश मिनी हार्वेस्टर के कटर बार की चौड़ाई 10Feet (3048 mm) तय की गई है।

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साथ ही, इसके काटने की ऊंचाई 30 से 1290 mm है। कंपनी के इस मिनी कंबाइन हार्वेस्टर का कुल वजन 5400 से 5968 किलोग्राम है। दशमेश कंपनी ने अपने इस मिनी कंबाइन हार्वेस्टर को 6960 mm लंबाई और 3400 mm चौड़ाई के साथ 3170 mm ऊंचाई में निर्मित किया है। 

दशमेश 3100 मिनी कंबाइन हार्वेस्टर के फीचर्स क्या-क्या हैं?

दशमेश 3100 मिनी कंबाइन हार्वेस्टर में आपको काफी शानदार गुणवत्ता वाला स्टीयरिंग देखने को मिल जाता है, जो बेहद आसान और आरामदायक ड्राइव प्रदान करता है। कंपनी के इस मिनी हार्वेस्टर में 3 Forward + 1 Reverse (Double Lever) गियर वाला गियरबॉक्स देखने को मिल जाता है। इस छोटे हार्वेस्टर की थ्रेशर की चौड़ाई 887 MM निर्धारित की गई है।

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दशमेश कंपनी के इस मिनी हार्वेस्टर में 200 लीटर क्षमता वाला डीजल टैंक प्रदान किया गया है। इसमें आपको 1100 किलोग्राम का गेहूं के लिए और 1000 किलोग्राम धान के लिए क्षमता वाला टैंक देखने को मिल जाता है। कंपनी के इस हार्वेस्टर में 14.9x28.12PR फ्रंट टायर और 7.50x16.8PR रियर टायर प्रदान किए गए हैं।

दशमेश 3100 मिनी कंबाइन हार्वेस्टर की कितनी कीमत है?

भारत में दशमेश 3100 मिनी कंबाइन हार्वेस्टर की एक्स शोरूम कीमत 14.50 लाख से 16.00 लाख रुपये निर्धारित की गई है। इस दशमेश मिनी हार्वेस्टर की ऑन रोड कीमत समस्त राज्यों में आरटीओ रजिस्ट्रेशन और रोड टैक्स के चलते भिन्न हो सकती है।

कंबाइन हार्वेस्टर मशीन (Combine Harvester Machine) की संपूर्ण जानकारी

कंबाइन हार्वेस्टर मशीन (Combine Harvester Machine) की संपूर्ण जानकारी

आजकल खेती भी पूरी तरह से मशीन(machine) पर निर्भर हो गई है. जैसे हम देख रहे हैं की पहले समय में लोग जो काम अपने शरीर की मेहनत से करते थे वो सभी काम आज मशीन(machine) से होने लगे हैं। 

फिर चाहे खेत की तैयारी हो, माझा हो, खेत को लेवल करना हो, बुबाई करनी हो या फिर फसल की कटाई करनी हो. आप कह सकते हैं कि फसल की बुवाई से लेकर फसल को घर तक लाने के सभी काम मशीन से होने लगे है। 

आज हम कंबाइन हार्वेस्टर मशीन(Combine Harvester Machine) की बात करते हैं कि कैसे इसने हमारी मजदूरों पर निर्भरता काम कर दी है। कंबाइन हार्वेस्टर मशीन(Combine Harvester Machine) न होती तो हम अपने खेतों की फसल को समय से घर न ला पाते और न ही इसको समय से बाजार में पंहुचा पाते। 

इस कंबाइन हार्वेस्टर मशीन(Combine Harvester Machine) ने हमारी मजदूरों पर निर्भरता काफी हद तक कम कर दी है. आइये जानते हैं इसकी उपलब्धता के बारे में और कौन-कौन सी कंपनी इसका निर्माण करती हैं। 

कंबाइन हार्वेस्टर मशीन(Combine Harvester Machine) के प्रकार:

कंबाइन हार्वेस्टर मशीन(Combine Harvester Machine) दो तरह की होती हैं. 

  1. ट्रेक्टर(Tractor) चालित मशीन(Machine)
  2. कंबाइन हार्वेस्टर मशीन(Combine Harvester Machine)

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1- ट्रैक्टर(Tractor) निर्मित या चालित मशीन(Machine):

जो बड़े किसान होते हैं उनके पास सामान्यतः बड़े ट्रेक्टर(Tractor) होते हैं जो की उनके बड़े काम आसानी से कर सकें इन्हीं ट्रैक्टर्स को वो कंबाइन हार्वेस्टर मशीन(Combine Harvester Machine) चलाने में करते है। 

जब तक फसल को तैयार करने के लिए जो काम ट्रेक्टर से करने होते हैं उसे करने के बाद उसी ट्रेक्टर(Tractor) को कंबाइन हार्वेस्टर मशीन(Combine Harvester Machine) चलाने के लिए प्रयोग में लाया जाता है। 

जब आपकी फसल कट जाये उसके बाद आप ट्रेक्टर(Tractor) को नीचे उतार कर ट्रेक्टर(Tractor) की तरह प्रयोग में ला सकते हैं.नीचे दिए चित्र में देखें: 

2. स्वचालित कंबाइन हार्वेस्टर मशीन(Combine Harvester Machine):

ये मशीन(Machine) आती ही इसी काम के लिए हैं इनमे ट्रेक्टर(Tractor) नहीं लगा होता है इसका इंजन सिर्फ कंबाइन हार्वेस्टर मशीन(Combine Harvester Machine) के लिए ही बनाये जाते हैं तथा इनका फसल कटने के बाद अगली फसल आने तक कोई भी काम नहीं होता। इसका प्रयोग सामान्यतः ऐसे किसान करते हैं जो कि किराये पर अपनी मशीन(Machine) चलाते हैं। 

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आजकल सभी बड़ी कंपनियां(Company) कंबाइन हार्वेस्टर मशीन(Combine Harvester Machine) बनाते हैं जिनमे, 

  1. हिन्द एग्रो हार्वेस्टर(Hind Agro Harvester)
  2. प्रीत हार्वेस्टर(Preet Harvester)
  3. क्लास हार्वेस्टर(Class Harvester)
  4. केएस ग्रुप हार्वेस्टर(KS Group Harvester)
  5. एग्रीस्टार हार्वेस्टर(Agristar Harvester)
  6. न्यू हिन्द हार्वेस्टर(New Hind Harvester)
  7. स्वराज(Swaraj)
  8. इंडो फार्म हार्वेस्टर(Indo Farm Harvester)
  9. मलकीत एग्रो इंडस(Malkit Agro Indus)
  10. शक्तिमान हार्वेस्टर(Shaktiman Harvester)
  11. ऐस हार्वेस्टर(S Harvester)
  12. न्यूहॉलैंड(New Holland)
  13. करतार(Kartar)
  14. गोमसेलमष(Gomselmash)
  15. दसमेश(Dasmesh)

कंबाइन हार्वेस्टर मशीन(Combine Harvester Machine) का कार्य:

इस मशीन(Machine) की सहायता से किसान गेंहूं, सरसों, धान, सोयाबीन आदि फसलों को काट कर दाने अलग करता है. इसके अंदर स्टोरेज क्षमता भी होती है जो कि भर जाने पर चालक को टंकी भर जाने का अपडेट देती है जिससे कि उसको खाली करके दुबारा से काम स्टार्ट किया जा सके। 

कंबाइन हार्वेस्टर(Combine Harvester) की रील खड़ी फसल को काटने वाली यूनिट तक पहुंचाती है। कटर बार के अंदर बड़े-बड़े चाकू जैसे बहुत ही तेज धारदार ब्लैड होते हैं जिनसे वो खड़ी फसल को काटता है। इसके बाद फसल कन्वेयर बेल्ट के जरिए रेसिंग यूनिट में जाती है। 

यहां पर फसल के दाने ड्रेसिंग ड्रम और कंक्रीट क्लीयरेंस से रगड़ने पर अलग हो जाते हैं। इसके साथ ही बड़े-बड़े छटना के द्वारा अनाज साफ हो जाता है और ब्लोवर से भूसा या तूरा अलग हो जाता है. इस मशीन में एक स्टोन ट्रैप यूनिट लगी होती है, जो कि फसल के साथ आने वाले कंकड़, मिट्टी आदि को अलग कर देता है।  

कंबाइन हार्वेस्टर मशीन(Combine Harvester Machine) की उपयोगिता:

यह मशीन किसानों के लिए बहुत उपयोगी है। इसकी मदद से किसान को मजदूर न मिलने पर मशीन से काम किया जाता है और कम से कम 10 से 15 दिन पहले ही किसान अपनी फसल को बाजार, मंडी में ले जाकर बेच सकता है।

इससे अनाज को अलग करके तूरा और भूसा को खेत में खाद के रूप में प्रयोग किया जाता है। जिससे कि खेत की उर्बरकता बानी रहती है. इससे खेत में गिरी हुई फसल को भी काटा जा सकता है।  

प्रदूषण रोकने के लिए जरूरी है स्ट्रा रीपर वाली मशीन(Straw Reaper Machine):

सरकार ने इससे होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए इसके साथ स्ट्रा रीपर(Straw Reaper) लगाना जरूरी कर दिया है बिना स्ट्रा रीपर(Straw Reaper) की मशीन(Machine) को सीज कर दिया जायेगा।

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क्या काम करता है स्ट्रा रीपर(Straw Reaper):

स्ट्रा रीपर एक कृषि यंत्र है, यह हार्वेस्टिंग मशीन(Harvesting Machine) में लगाया जाता है. इससे धान, गेंहूं, सरसों आदि फसलों की कटाई के बाद बचने वाले अवशेष छोटे-छोटे टुकड़ों में कट जाते हैं, जो कि जलाने में मुश्किल होते हैं और खेत की जुताई के समय मिट्टी में ही मिल जाते हैं. इससे प्रदूषण की समस्या नहीं होती और किसान के खेत में खाद का काम भी यही अवशेष करते हैं.

कंबाइन हार्वेस्टर मशीन(Combine Harvester Machine) के नुकसान:

प्रौद्योगिकी एक महान नौकर है, लेकिन एक बुरा स्वामी है। कंबाइन हार्वेस्टर मशीन(Combine Harvester Machine) के कुछ नुकसान भी हैं अगर हम उसका सही से उपयोग न करें तो इससे खेत को फसलों के अवशेष ज्यादा होने की वजह से किसान समय से अगली फसल की तैयारी समय से नहीं कर पाता है। 

उसको नष्ट करने के लिए किसान को ज्यादा जोत लगानी पड़ती हैं जिससे की किसान का खर्चा ज्यादा आता है, दूसरा अगर इसमें आग लगा दी जाये तो इससे पर्यावरण को नुकसान होता है तथा सरकार पराली जलाने को लेकर बहुत सख्त है।

कैसे खरीदें कंबाइन हार्वेस्टर(Combine Harvester):

कंबाइन हार्वेस्टर(Combine Harvester) को खरीदने के दो तरीके हैं पहला आप किसी भी कंपनी से सीधे इसे खरीद सकते हैं या सरकार द्वारा दी गई अनुदान की स्कीम से भी इसे ले सकते हैं. अनुदान से मिलना आसान नहीं है क्यों कि यह बहुत ही मॅहगा यन्त्र है तो हर कोई इसको खरीद नहीं पता है. 

ज्यादातर किसान किराये पर लेकर ही अपनी फसल इससे कटवाते हैं. इस वजह से कई बार किसानों को अपना नंबर आने के लिए कई कई दिन तक इन्तजार करना पड़ता है और कई बार इससे फसल ज्यादा पक जाने कि वजह से खेत में ही झड़ जाती है| 

अनुदान देने के लिए सरकार अपनी तरफ से कोशिश कराती है कि सही पात्र को इसका फायदा मिले लेकिन इसमें भी कुछ लोग खेल कर जाते हैं और जो सरकार का रजिस्ट्रेशन पोर्टल(Registration Portal) है वो समय पर खुल ही नहीं पता है. 

किसानों को पता ही नहीं चलता और इसका अनुदान किसी ख़ास आदमी को मिल जाता है। सब्सिडी(Subsidy) पाने के लिए अपने जिले के कृषि अधिकारी से संपर्क में रहें जिससे की जब भी किसी यन्त्र पर सब्सिडी(Subsidy) आती है तो आपको पता चल सके।

कंबाइन हार्वेस्टर मशीन(Combine Harvester Machine) की कीमत:

कंबाइन हार्वेस्टर मशीन(Combine Harvester Machine) की रेट 15 लाख से लेकर 40 - 45 लाख तक जाते हैं. इसकी कीमत इसके फीचर(Feature) पर निर्भर करता है. जिस मशीन(Machine) की ब्लेड ज्यादा बड़ा होगा वो काम समय में ज्यादा फसल की कटाई कर सकता है. 

इससे भी कीमत बढ़ जाती है. आप हमारे एक्सपर्ट्स से भी इसकी कीमत और फीचर्स(Features) के बारे में पूछ सकते है. मेरीखेती वेबसाइट का उद्देश्य अपने किसान भाइयों को ज्यादा से ज्यादा और सटीक जानकारी देना है।

कृषि यत्रों के लिए लोन कैसे लें:

भारतीय स्टेट बैंक(State bank Of India) कृषि यत्रों के लिए लोन भी देती है. क्यों की ये सरकारी बैंक है तो आपको किसी भी तरह की छुपी हुई शर्तों से नहीं डरना है. 

प्राइवेट बैंकों की तरह इनकी कोई छुपी हुई शर्तें नहीं होती हैं. आपको नीचे स्टेट बैंक का लोन की अप्लाई(Apply) के लिए लिंक भी दिया जा रहा है. जिससे आप ऑनलाइन भी लोन(Loan) की प्रक्रिया देख सकते हैं। SBI Loan Link:http://bit.ly/3osRjgX

खरीफ की फसल की कटाई के लिए खरीदें ट्रैक्टर कंबाइन हार्वेस्टर, यहां मिल रही है 40 प्रतिशत तक सब्सिडी

खरीफ की फसल की कटाई के लिए खरीदें ट्रैक्टर कंबाइन हार्वेस्टर, यहां मिल रही है 40 प्रतिशत तक सब्सिडी

भारत में इन दिनों खरीफ की फसल का सीजन चल रहा है, खरीफ की फसल की कटाई का समय बेहद तेजी से पास आता जा रहा है। सितम्बर के आखिरी सप्ताह से खरीफ की फसल की कटाई शुरू हो जाएगी। फसल की कटाई में भारत में मजदूरों की सहायता ली जाती है तथा थ्रेसिंग के लिए अलग से प्रबंध किया जाता है। कटाई का काम हाथों से करने से ज्यादा समय लगता है, इसके बाद थ्रेसिंग करने के लिए आपको अतिरिक्त समय देना होता है। इस प्रक्रिया में समय के साथ-साथ लागत की भी बढ़ोत्तरी होती है, जो किसान के हिसाब से बिलकुल फायदेमंद नहीं है। इसलिए अब बाजार में बहुत तरह की हार्वेस्टर मशीनें आ गईं हैं जो मानवीय श्रम को कम करने के साथ-साथ खेती की लागत में भी कमी करती हैं। दिनोदिन बाजार में उन्नत मशीनों के उपयोग से किसानों की सहूलियतें बढ़ती जा रही हैं। हाल फिलहाल में किसान अब पुराने हार्वेस्टरों की जगह नए और उन्नत हार्वेस्टर खरीद रहे हैं, जिससे कटाई या रीपिंग (reaping) के साथ-साथ थ्रेसिंग (threshing) यानी मड़ाई और विनोइंग (Winnowing) यानी ओसौनी का काम भी बेहद आसान हो जाए।

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खेत में ट्रैक्टर हार्वेस्टर मशीन किस प्रकार से काम करती हैं ?

एक कंबाइन ट्रैक्टर हार्वेस्टर मशीन (Combine Harvester Machine) पुराने हार्वेस्टर की अपेक्षा ज्यादा उन्नत और आधुनिक होती है। यह मशीन एक ही बार में एक साथ थ्रेसिंग, विनोनिंग और रीपिंग कर सकती है, इसके अलावा यह मशीन बेहद तेजी से काम करती है, जिससे समय की बचत होती है और इसकी मदद से कम समय में कृषि उत्पादकता को तेजी से बढ़ाया जा सकता है। यह मशीन मनुष्य द्वारा की जाने वाली कटाई की तुलना में फसल को ज्यादा सफाई से काटती है। इसके साथ ही यदि इसकी तुलना खेती की कटाई में आने वाली लागत से की जाए, तो मानव कटाई की तुलना में कंबाइन ट्रैक्टर हार्वेस्टर की कटाई बेहद सस्ती पड़ती है, जिससे समय के साथ-साथ पैसे की बचत होती है।

भारतीय बाजार में कितने प्रकार के कंबाइन ट्रैक्टर हार्वेस्टर मौजूद हैं ?

भारतीय बाजार में इन दिनों कंबाइन ट्रैक्टर हार्वेस्टर की एक बहुत बड़ी रेंज मौजूद है, जिसे किसान भाई अपने कटाई के काम को आसान बनाने के लिए खरीद सकते हैं। ये कंबाइन ट्रैक्टर हार्वेस्टर बाजार में आवश्यक कटिंग चौड़ाई के हिसाब से दो फिल्टर्स के साथ उपलब्ध हैं, इसके बाद भी अगर किसान फ़िल्टर को बदलना चाहें तो उसमें बदलाव संभव है। किसान भाई अपनी जरुरत के हिसाब से पावर सोर्स सेल्फ प्रोपेल्ड (Power source self-propelled) या ट्रैक्टर माउंटेड (tractor mounted) के अनुसार भी फिल्टर उपयोग कर सकते हैं। भारत में इस प्रकार के कंबाइन ट्रैक्टर हार्वेस्टर हिंद एग्रो, दशमेश, क्लास, न्यू हिंद, प्रीत जैसी प्रतिष्ठित कंपनियां बाजार में उपलब्ध करवाती है, जिन्हें किसान भाई इन कंपनियों के अधिकृत डीलरों से खरीद सकते हैं।

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(Combine Harvester Machine) की संपूर्ण जानकारी

भारतीय बाजार में एक कंबाइन ट्रैक्टर हार्वेस्टर की कीमत क्या है ?

भारत में कंपनियां कंबाइन ट्रैक्टर हार्वेस्टर को किसानों की जरुरत के हिसाब से बनाती हैं और उसकी कीमत भी उसी अनुसार तय करती हैं। फिलहाल भारत में एक कंबाइन ट्रैक्टर हार्वेस्टर की कीमत 5.35 लाख रुपये से शुरू होकर 26.70 लाख रुपये के बीच है। जो भी टॉप ब्रांड निर्माता कंबाइन ट्रैक्टर हार्वेस्टर को बनाते हैं, वो समय-समय पर इनमें भारी छूट भी प्रदान करते हैं जिसके लिए किसानों को अधिकृत डीलरों से संपर्क करना होगा। किसान मोलभाव करके कंबाइन ट्रैक्टर हार्वेस्टर की खरीद में ज्यादा से ज्यादा रूपये बचा सकते हैं। इसके साथ ही कंबाइन ट्रैक्टर हार्वेस्टर की कीमत राज्य दर राज्य अलग हो सकती है, क्योंकि राज्यों में लगने वाले टैक्स में अंतर होता है। इसके अलावा कई राज्य सरकारें कंबाइन ट्रैक्टर हार्वेस्टर की खरीद पर किसानों को भारी सब्सिडी प्रदान करती हैं। कंबाइन ट्रैक्टर हार्वेस्टर खरीदने के लिए आंध्र प्रदेश की सरकार 'वाईएसआर यंत्र सेवा' (YSR yantra Seva Pathakam scheme) स्कीम के तहत किसानों को 40 प्रतिशत की सब्सिडी प्रदान करती है। इसके अलावा किसान कंबाइन ट्रैक्टर हार्वेस्टर को खरीदने के लिए हार्वेस्टर की कीमत का 50 प्रतिशत लोन बैंक से ले सकते हैं। इस प्रकार किसानों को इस स्कीम के माध्यम से कंबाइन ट्रैक्टर हार्वेस्टर खरीदने के समय हार्वेस्टर की कुल कीमत के मात्र 10 प्रतिशत पैसे ही चुकाने होंगे। हाल ही में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगमोहन रेड्डी ने घोषणा की थी कि राज्य में 10,750 वाईएसआर यंत्र सेवा केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जहां पर किसानों को कृषि से सम्बंधित सभी प्रकार के यन्त्र उपलब्ध करवाए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा था कि जिन क्षेत्रों में धान की खेती ज्यादा होती है वहां पर क्लस्टर स्तर पर 1,615 हार्वेस्टर किसानों को उपलब्ध करवाए जाएंगे। इसके साथ ही किसानों को कृषि यन्त्र खरीदने के लिए 175 करोड़ रुपये की सब्सिडी प्रदान की जाएगी।

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सही कंबाइन ट्रैक्टर हार्वेस्टर मशीन का चुनाव करना किसानों के लिए थोड़ा कठिन हो सकता है क्योंकि बाजार में कंबाइन ट्रैक्टर हार्वेस्टरों की एक लम्बी रेंज उपलब्ध है। लेकिन किसान हार्वेस्टरों की रेटिंग देखकर भारत के टॉप ब्रांड के हार्वेस्टरों पर भरोसा कर सकते हैं। भारत में सबसे ज्यादा लोकप्रिय कंबाइन ट्रैक्टर हार्वेस्टर प्रीत 987, महिंद्रा अर्जुन 605, करतार 4000, दशमेश 9100 सेल्फ कॉम्बिनेशन हार्वेस्टर, न्यू हॉलैंड टीसी 5.30, कुबोटा हार्वेस्टिंग डीसी -68 जी-एचके इत्यादि हैं, जिनमें से किसान अपनी जरुरत के हिसाब से किसी भी हार्वेस्टर का चुनाव कर सकते हैं।
फसल कटाई करने वाले कंबाइन हार्वेस्टर की संपूर्ण जानकारी

फसल कटाई करने वाले कंबाइन हार्वेस्टर की संपूर्ण जानकारी

कंबाइन हार्वेस्टर एक बेहद ही कुशल कृषि मशीन है, जिसे फसलों की कटाई से संबंधित कई कार्यों को एक साथ करने के लिए डिजाइन किया गया है। यह मुख्य रूप से अनाज फसलों जैसे मक्का, सोयाबीन, गेहूं और जौ जैसी फसलों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। 

विशेष रूप से कंबाइन हार्वेस्टर मशीन में एक कटिंग मैकेनिज्म, थ्रेशिंग सिस्टम, सेपरेशन सिस्टम, क्लीनिंग सिस्टम, और भंडारण सिस्टम होता है। 

आजकल के आधुनिक कंबाइन हार्वेस्टर सामान्यतः उन्नत तकनीकों से युक्त होते हैं, जैसे जीपीएस नेविगेशन, उपज निगरानी प्रणाली और स्वचालित नियंत्रण। 

कंबाइन हार्वेस्टर के इस्तेमाल ने कटाई के लिए जरूरी श्रम और वक्त को काफी कम करके कृषि में क्रांति कर डाली है। किसान बड़े खेतों को जल्दी और कुशलता से जोत सकते हैं।  

कंबाइन हार्वेस्टर मशीन कैसे काम करता है ?

कंबाइन हार्वेस्टर मशीन में एक रील खड़ी होती है, जिस पर किसान फसलों को रखतें है। इसका कार्य फसल को काटने वाली इकाई तक पहुँचाना है। जिसके अंदर बड़े-बड़े चाकू जैसे कई सारे तेज धारदार ब्लैड होते हैं। 

इन ब्लेड्स की सहायता से कटर फसल को काटता है। कन्वेयर बेल्ट के माध्यम से कटी हुई फसल रेसिंग यूनिट में जाती है। रेसिंग यूनिट में फसल के दाने ड्रेसिंग ड्रम और कंक्रीट क्लीयरेंस की सहायता से अलग हो जाते हैं। 

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कंबाइन हार्वेस्टर में बड़े-बड़े क्लीनिंग सिस्टम्स और ब्लोवर होते हैं, जिनकी सहायता से फसलों से भूसे को अलग किया जाता है। साफ हुआ अनाज स्टोरेज सिस्टम में इकट्ठा हो जाता है।  

कंबाइन हार्वेस्टर मशीन के क्या-क्या फायदे हैं ? 

कंबाइन हार्वेस्टर एक ऐसी मशीन है, जो एक साथ कईं दिशाओं से कृषि कार्यो को आसान बनाती है। इसका इस्तेमाल करने से निम्नलिखित लाभ होते हैं।

बढ़ी हुई दक्षता: कंबाइन हार्वेस्टर एक ही मशीन में कई ऑपरेशनों को जोड़कर कटाई की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करते हैं। यह कटाई, छटाई, भण्डारण और भी कईं कार्यों को एक साथ कर सकतें है।  

समय की बचत: पारंपरिक मैनुअल या अलग मशीनरी-आधारित कटाई विधियों की तुलना में कंबाइन हार्वेस्टर से कटाई बहुत तेजी से होती है। किसान फसलों की कुशलता से कटाई कर सकते हैं।  

कम कृषि लागत: एक हार्वेस्टर कईं मशीनो का काम करता है। इसलिए, किसानो को अलग-अलग मशीन खरीदने की ज़रूरत नहीं है।  

गुणवत्ता संरक्षण: कंबाइन हार्वेस्टर को कम से कम नुकसान के साथ फसलों को संभालने और अनाज की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए डिज़ाइन किया गया है। 

कंबाइन हार्वेस्टर कितने प्रकार के होते हैं?

कंबाइन हार्वेस्टर मुख्यत दो प्रकार के होते हैं।

  • स्वचालित कंबाइन हार्वेस्टर

स्वचालित कंबाइन हार्वेस्टर में पूरी मशीनरी फिट रहती है। मशीनरी अपनी ताकत से इंजन व बाकी हिस्सों को संचालित करती है, जिससे फसल की कटाई, कुटाई (दौनी) व दानों की सफाई का कार्य सहजता से होता है।

  • ट्रैक्टर चालित कंबाइन हार्वेस्टर 

ट्रैक्टर चालित कंबाइन हार्वेस्टर मशीन को ट्रैक्टर के साथ जोडकर चलाया जाता है। यह मशीन ट्रैक्टर के पीटीओ से चलती है। ट्रैक्टर से कंबाइन को चलाकर फसल की कटाई की जाती है।

कंबाइन हार्वेस्टर किस आधार पर खरीदना चाहिए 

यदि आप एक लघु या सीमान्त किसान हैं या केवल अपने घर की खेती के लिए हार्वेस्टर खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो आपके लिए मिनी कंबाइन हार्वेस्टर (Combine Harvester)अथवा ट्रैक्टर द्वारा संचालित कंबाइन हार्वेस्टर अधिक उपयोगी रहेगा। साथ ही, आपके लिए छोटे हार्वेस्टर की कीमत भी सही रहेगी।

वहीं, यदि आप अपने घर घरेलू इस्तेमाल के अतिरिक्त कंबाइन हार्वेस्टर से धन भी कमाना चाहते हैं, तो फिर आपको इसके लिए हैवी कंबाइन हार्वेस्टर खरीदना पड़ेगा। 

अब या तो आप स्वचालित कंबाइन हार्वेस्टर खरीदें या फिर ट्रैक्टर चलित कंबाइन हार्वेस्टर में मजबूत और ताकतवर कंबाइन हार्वेस्टर खरीदें।

भारतीय बाजार में कंबाइन हार्वेस्टर की कीमत क्या है ?

कंबाइन हार्वेस्टर की कीमत कटर बार पर निर्भर होती है। इस वक्त भारत में लगभग 20 से ज्यादा प्रसिद्ध कंपनियां कंबाइन हार्वेस्टर का निर्माण कर रही हैं। 

कंबाइन हार्वेस्टर की कीमत अपने फीचर्स और विशेषताओं के मुताबिक 10 लाख* रुपए से लेकर 50 लाख* रुपए के मध्य बाजार में है।

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वही, अगर आप छोटे किसान हैं और सिर्फ घरेलू उपयोग के लिए ही कंबाइन हार्वेस्टर खरीदना चाहते हैं, तो आपके लिए मिनी कंबाइन हार्वेस्टर/ छोटा हार्वेस्टर की कीमत का भी विकल्प खुला है। मिनी कंबाइन हार्वेस्टर की कीमत 5 लाख* रुपए से चालू होती है।

कंबाइन हार्वेस्टर खरीदते वक्त इस बात का जरूर ध्यान रखें !

अलग-अलग राज्यों में समय-समय पर कंबाइन हार्वेस्टर पर अनुदान की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। अनुदान की दर राज्यों में लगने वाले RTO के चलते अलग-अलग होती है। 

सामान्यत: लघु, सीमांत व महिला किसानों को 50 प्रतिशत व बड़े किसानों को 40 प्रतिशत सब्सिडी उपलब्ध कराई जाती है। अब चाहे वह कंबाइन हार्वेस्टर हो या और कोई कृषि उपकरण हमें उसे खरीदने से पहले यह जरूर जान लेना चाहिए कि उस पर अनुदान मिल रहा है या नहीं।